Gila Shikwa Shayari_गिला शिकवा शायरी

[Total: 63   Average: 3/5]

Gila Shikwa Shayari गिला शिकवा शायरी

Gila Shikwa Shayari_गिला शिकवा शायरी

Gila Shikwa Shayari गिला शिकवा शायरी

 

1. आसानी से दिल लगाये जाते है मगर मुश्किल से वादे निभाए जाते है मोहब्बत ले आती है उन राहों पे जहाँ दियों के बदले दिल जलाये जाते है

2. जितनी शिद्दत से मुझे जख्म दिया है उसने इतनी शिद्दत से तो मैंने उसे चाहा भी ना था

3. ख्वाहिशों का काफिला भी अजीब ही है अक्सर वहीँ से गुजरता है जहाँ रास्ता ना हो

4. तेरी बातें ही सुनाने आये दोस्त भी दिल दुखाने ही आये

5. मोहब्बत है की नफरत है कोई इतना तो समझाए कभी मैं दिल से लड़ती हूँ कभी दिल मुझसे लड़ता है

6. रुलाने के बाद क्यों हँसाते है लोग जाने के बाद क्यों बुलाते है लोग ज़िंदगी में क्या कुछ कसर बाकी थी जो मरने के बाद भी जलाते है लोग

………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.दीदार तेरा किया हमने आज गैरो की क़तार से ना नजर-ऐ-इनायत हुई ना रूह को सुकून मिला

2.दीवाना मत कहो मुझको यूँ अच्छा नहीं लगता बड़ा अफ़सोस होता है जब कोई अपना नहीं लगता,लगता है की होगी उसकी भी कुछ मज़बूरी उसका यूँ छोड़ कर जाना अच्छा नहीं लगता

3.बदलते इस ज़माने ने सबको बदल डाला ख्वाबों और ख्यालो को भी बदल डाला ना बदल सका उस बेवफा को प्यार मेरा जिसके लिए हमने अपने आपको बदल डाला

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………

1.बदली जो कयानात मुझे इसका गम नहीं लेकिन बुरा था नसीब जो तुम बदल गए

2.खामोश गुजर जाते है वो करीब से सवाल उठते है दिल में अजीब से वो खफा है या ये उनकी कोई अदा है शिकायत भी क्या करे अब अगर यही है नसीब में

3.ज़माना बदल गया बदल गए इंसान भी आज बदला सब कुछ चाहत और प्यार भी आज किसी की नजर में कीमत नहीं है खून की पैसा जिस की जेब में वो ही सुल्तान और अमीर भी

4.जाने दो अब इस गुस्से को इश्क को तो भी निभाना है गुस्सा है अगर आशिक़ पे तो कब्र में क्यों इससे लजाना है

5.एक से सिलसिले है सब हिज्र की रुत बता गयी फिर वही सुबह आएगी फिर वही शाम आ गयी मेरे लहू में जल उठे उतने ही ताज़ा दम चिराग वक़्त की साजिशी हवा जितने दिए बुझा गयी

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.कैसे कहे की उसको भी हमसे है कोई वास्ता उसने तो हमसे आज तक कोई  गिला नहीं किया

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.मौत से कह दो की हम से नाराजगी खत्म कर ले अब वो भी बहुत बदल गए है जिनके लिए जिया करते थे हम

2.तिनको से खेलते ही रहे आशियाँ में हम आया भी और गया भी ज़माना बाहर का

………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.ये ना पूछ की शिकायतें कितनी है तुझसे ऐ जिंदगी सिर्फ ये बता की तेरा कोई और सितम बाकि तो नहीं है

2.रेत पर थक गिरा हूँ तो हवा पूछती है आप इस दश्त में क्यों आये थे वहशत के बगैर

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.मुमकिन हो आपसे तो भुला दीजिये मुझे पत्थर पे हूँ लकीर मिटा दीजिये मुझे हर रोज मुझसे ताजा शिकायत है आप को मैं क्या हूँ एक बार बता दीजिये मुझे

2.महफ़िल में मेरे ज़िक्र के आते ही उठे वो रुस्वा-ऐ-मोहब्बत का ये एजाज तो देखो

3.तक़दीर से शिकवा भी  करे तो किस तरह करे इस तक़दीर ने हमको मिलाया भी था उनसे

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.मोहब्बत की दास्ताँ सुनाने आये है तबाह करने के बाद वो प्यार जताने आये है आंसू पूछ लिए थे हमने कब के मगर वो फिर से आज हमें रुलाने आये है

2.मोहब्बत हमने की तो एक खता हो गयी की वफ़ा और जिंदगी ही अब सजा हो गयी वफ़ा करते रहे इबादतों की तरह फिर इबादत भी हमारे लिए एक गुनाह हो गयी

3.वो आते है ख्वाबों में यूँही बिन बुलाये ऐसा ही कुछ शिकवा हमारे दिल को भी है

4.उसके बिन चुप चुप रहना अब अच्छा लगता है ख़ामोशी से एक दर्द को सहना भी अच्छा लगता है उसका मिलना ना मिलना तो किस्मत की बात है मगर पल पल उसकी याद में रोना अब अच्छा लगता है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.करोगे याद तुम की मैं कहता था कभी दौलत और मोहब्बत का ना कभी भी मेल होता है होती है जिनके लिए दौलत ही सब से बढ़कर उनके लिए तो ये मोहब्बत बस एक खेल होता है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….
1.लुफ्त वो इश्क में पाये है की जी जानता है रंज भी ऐसे उठाये है की जी जानता है जो ज़माने के सितम है वो जमाना जाने तूने दिल इतने सताए है की जी जानता है

2.हम छीन लेंगे तुम से ये शान-ऐ-बेनिआज़ी तुम मांगते फिरोगे अपना गुरुर हम से

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.तुम्हे जफ़ा से ना यूँ बाज़ आना चाहिए था अभी कुछ और मेरा दिल दुखाना चाहिए था

2.रह ना पाओगे कभी भुला कर देख लो यकीन नहीं आता तो आज़मा कर देख लो हर जगह महसूस होगी कमी हमारी अपनी महफ़िल को कितना भी सजा कर देख लो

3.दोस्तों के इस कदर सदमे उठाये जान पर दिल से दुश्मन की अदावत का गिला जाता रहा

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.गम ये नहीं की कसम अपनी भुलाई तुमने गम तो ये है की रक़ीबों से निभाई तुमने कोई रंजिश थी अगर तुमको तो मुझसे कह देते बात आपस की क्यों सबको बताई तुमने

2.वो मुझे चाहती है पर अपना नहीं सकती मुझे भुलाने का दर्द उठा नहीं सकती अजीब है उसके प्यार का ये अंदाज भी खफा तो करती है पर मना नहीं सकती

3.कोई धोखा नहीं  ऐसा जो ना खाया हमने जिंदगी भर तेरा साथ निभाया हमने कभी मेहनत का सिला अपनी तो पाया ही नहीं छाओं ओरों को मिली पेड़ लगाया हमने

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.अपने ही होते है जो  दिल पे वार करते है फ़राज़ वरना गैरो को क्या खबर की दिल की जगह कौन सी है

2.तुम इसे शिकवा समझ कर किस लिए शर्मा गए मुद्दतों के बाद देखा था तो आंसू आ गए

3.मिलाते हो उसी को ख़ाक में जो दिल से मिलता है मेरी जान चाहने वाला बड़ी मुश्किल से मिलता है

4.कभी उनकी याद आती है कभी उनके ख्वाब आते है मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते है क़यामत देखी तो अगर चले जाना किसी महफ़िल में सुना है की महफ़िल में वो बे-नक़ाब आते है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.छुरी की नोक से जख्मो पे वो महरम लगते है जख्म भी खुद ही देते है खुद ही आंसू बहाते है ये कैसा प्यार है उनका कोई तो हमको समझाओ सितमगर है या है दिलबर वो जो याद आते है

2.भले ही राह चलतों का दामन तू थाम ले मगर  मेरे प्यार को भी तू कभी पहचान ले कितना इंतजार किया है तेरे इश्क में हमने ज़रा ये दिल की बेताबी को भी तू कभी जान ले

3.कोई मिल जाये मुझे तुम जैसा ये ना -मुमकिन सही लेकिन तुम ढूंढ लो हम जैसा इतना आसान ये भी नहीं

4.चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत है हम उसकी याद में परेशान बहुत है वो हर बार दिल तोड़ता है ये कह कर की मेरी उम्मीदों की दुनिया में अभी मुकाम बहुत है

5.तुझे फुर्सत ना मिली पढ़ने की वरना हम तो तेरे शहर में बिकते रहे किताबों की तरह

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….
1.प्यार किसी से जो करोगे रुस्वाई ही मिलेगी वफ़ा कर लो चाहे जितनी बेवफाई ही मिलेगी जितना भी किसी को अपना बना लो जब आँख खुलेगी तन्हाई ही मिलेगी

2.बात करते है तो ख़ुशी की तो एक रंज के साथ वो हँसाते भी है के रुला देते है

3.सब फ़साने है दुनिया दारी के किस ने किस का सुकून लूटा है सच तो ये है की इस ज़माने में मैं भी झूठा हूँ तू भी झूठा है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.यहाँ किसी को भी कुछ हस्ब-ऐ-आरजू ना मिला किसी को हम ना मिले और हमको तू ना मिला

2.करोगे याद एक दिन इस प्यार के ज़माने को चले जायेंगे जब हम कभी ना वापस आने को चलेगा महफ़िल में जब जिक्र हमारा कोई तो तुम भी तन्हाई ढूँढोगे आंसू बहाने को

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.नहीं जाता किसी से वो मर्ज़ जो है नसीबों का ना क़ायल हूँ दवा का मैं ना कायल हूँ तबीबों का ना शिकवा दुश्मनो का है ना है शिकवा हबीबों का शिकायत है तो किस्मत की गिला है तो नसीबों का

2.इस दुनिया में जो हमको दिल के है रोग मिले खुशियों की तलाश में जो हमको है सोग मिले मतलबी ज़माने की मतलबी गलियों में दोस्तों के रूप में सब दुश्मन लोग मिले

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.हर चमन में मुमकिन है की गुल खिल जाये तुम्हे भी हमारे बाद मुमकिन है कोई और मिल जाये जिंदगी तो तुमने कभी हमको जीने ना दी अब मरना चाहा तो कहते हो की मौत भी ना आये

2.सुना है गुस्से में वो सब तोड़ देता है मेरा दिल है उसके पास खुदा खैर करे

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.बदला जो वक़्त गहरी दोस्ती बदल गयी सूरज ढला तो साये की सूरत बदल गयी  एक उम्र तक मैं तेरी जरूरत बना रहा फिर यूँ हुआ की तेरी जरुरत बदल गयी

2.जो प्यार करके हमें बर्बाद करते है उनको कभी खुशियाँ कैसे मिलेगी हम तो उनको जी-जान से चाहते है उनको हमसे बद-दुआ कैसे मिलेगी

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………

1.मुख्लिस हर किसी के साथ रहता हूँ शायद इसीलिए उदास रहता हूँ

2.मुझे तो गम था उसके बिछड़ने का मगर वो हाथ मलता रहा उम्र भर गँवा के मुझे

………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.गम ऐ दुनिया में गम ऐ यार भी शामिल कर लो नशा बदलता है शराबें जो शराबों में मिले अब ना वो मैं हूँ ना तू है ना वो माज़ी है फ़राज़ जैसे दो साये तमन्ना के शराबों में मिले

2.गिले है हजारों की बदले हो क्यों तुम मगर अब करे क्यों गिला अजनबी से अजब है नींदें गंवाने का सिलसिला ये अच्छा नहीं सिलसिला अजनबी से

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.गुजर गया वो वक़्त जब तेरी हसरत थी मुझे अब तू खुदा भी बन जाये तो भी तेरा सजदा ना करूँ

2.क्या उससे छुपाऊँ नहीं गैर भी इतना क्या उसको बताऊँ मेरा अपना तो नहीं है

3.अर्ज़ सिर्फ इतना है दोस्ती के बारे में आदमी गलत समझा आदमी के बारे में

4.ये भी सच है कोई उल्फत में परेशान क्यों हो ये भी सच है कोई क्यों कर ना परेशान हो जाये

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.किस कदर नादिम हुआ हूँ मैं बुरा कह कर उसे क्या खबर थी जाते जाते वो दुआ दे जायेगा

2.फूल चाहे थे मगर हाथ में आये पत्थर हमने आगोश-ऐ-मोहब्बत में सुलाये पत्थर

3.तुम क्या गए की वक़्त का एहसास मर गया रातों को जागते रहे और दिन को सो गए

4.वही अहल-ऐ-कारवां है वही बे हिसी का आलम ना किसी को मंजिल ना गम-ऐ-शिकस्ता पानी

5.जिसे खुद से ही नहीं फुर्सतें जिसे ख्याल अपने कमाल का उसे क्या खबर मेरे शौंक की,उसे क्या पता मेरे हाल का

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.सुन कर तमाम रात मेरी दास्तान -ऐ-गम बोले तो सिर्फ ये की बहुत बोलते हो तुम

2.बना गुलाब तो कांटे चुबा गया एक शख्स हुआ चिराग तो घर ही जला गया एक शख्स

3.तेरी बन्दा परवारी से मेरे दिन गुजर रहे है ना गिला है दोस्तों का ना शिकायत ऐ जमाना

4.बिखरी किताबें भीगे औराक़ और ये तन्हाई कहूँ कैसे की मिला मोहब्बत में कुछ भी नहीं

5.शाम -ऐ -वादा सही दुःख ज्यादा ही सही फिर भी देखो फ़राज़ आज शब उसकी फ़ुर्क़त में कह लो गजल कल उसे देखना

6.बदल देना है रास्ता या कहीं पर बैठ जाना है की थकता जा रहा है हमसफ़र आहिस्ता आहिस्ता

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.जिसने कभी चाहतो का पैगाम लिखा था जिसने सब कुछ मेरे नाम लिखा था सुना है आज उसे मेरे ज़िक्र से भी नफरत है जिसने कभी अपने दिल पर मेरा नाम लिखा था

2.ये दिल बुरा सही मगर सर -ऐ- बाजार तो ना कहे आखिर तू इस मकान में कुछ दिन रहा तो है

3.उनका भरोसा मत करो जिनका ख्याल वक़्त के साथ बदल जाये भरोसा उनका करो जिनका ख्याल वैसे ही रहे जब आपका वक़्त बदल जाये

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….
1.मजलिस में मेरे ज़िक्र के आते ही उठे वो बदनामी- ऐ उश्शाक़ का एज़ाज़ तो देखो

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.मोहब्बत यहाँ बिकती है इश्क नीलाम होता है भरोसे का क़त्ल यहाँ खुले आम होता है ज़माने से जब मिली ठोकर तो मैखाने चले गए  हम आज वही ज़माना हमें शराबी का नाम देता है

2.दिल तोड़कर हमारा तुमको राहत भी ना मिलेगी हमारी जैसी तुमको कहीं चाहत भी ना मिलेगी यूँ इतनी बेरुखी ना दिखलाये हमें हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी ना मिलेगी

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.लिपटा है मेरे दिल से किसी राज़ की मानिंद वो शख्स जिस को मेरा होना भी नहीं है

2.बने है अहल- ऐ हवस मुद्दई भी मुंसिफ भी किसे वकील करे किससे मुंसिफ़ी चाहें

3.सफर में कोई किसी के लिए ठहरता नहीं ना मुड़ के देखा कभी साहिलों को दरिया ने

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.आईना देख अपना सा मुंह ले के रह गए साहब को दिल ना देने पे कितना गुरुर था

2.अब शिकायत तुझसे नहीं खुद से है माना की सारे झूठ तेरे थे पर उन पे यकीन तो मेरा था

3.बेवफाई करके निकलू या वफ़ा कर जाऊंगा शहर को हर ज़ायके से आश्ना कर जाऊंगा तू भी ढूंढेगा मुझे शौक- ऐ -सजा में एक दिन मैं भी कोई खूबसूरत सी खता कर जाऊंगा

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.लो आज हमने तोड़ दिया रिश्ता- ऐ- उम्मीद लो अब कभी गिला ना करेंगे किसी से हम

2.चले जायेंगे एक दिन हम तुझे तेरे हाल पे छोड़ कर अपनों की कदर क्या होती है तुझे वक़्त सीखा देगा

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….
1.तरसते थे जो हमसे मिलने को कभी ना जाने क्यों आज हमारे साये से भी कतराते है हम भी वही है ये दिल भी वही है ना जाने फिर क्यों ऐसे लोग बदल जाते है

2.गम मुझे देते हो औरो की ख़ुशी के वास्ते क्यों बुरे बनते हो तुम नाहक़ किसी के वास्ते

3.मेरे लफ्ज़ अगर उस तक पहुंच जाये तो बस इतना कह देना हम जैसे लोग एक बार खो जाएं तो फिर दोबारा नहीं मिलते

4.दिल भर आया कागज -ऐ- खाली की सूरत देख कर जिनको लिखना था वो सब बातें जुबानी हो गयी

5.हमसे खेलती रही दुनिया ताश की पत्तो की तरह जिसने जीता उसने भी फेंका जिसने हारा उसने भी फेंका

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.अब और नहीं होती इश्क की गुलामी यारो कह दो उसे हो जाये जिसका होना है

2.मेरे मुक़द्दर में तो तुम्हारी यादें है लेकिन तुम जिसके मुक़द्दर में हो उसे जिंदगी मुबारक

3.खफा भी रहते है और वफ़ा भी करते है इस तरह अपने प्यार को बयां भी करते है ना जाने कैसी नाराजगी है मेरी उनसे खोना भी चाहते है और पाने की दुआ भी करते है

4.तू अगर छोड़ के जाने की जिद पे है तो जा जान भी जिस्म से जाती है तो कब पूछ के जाती है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.बात उम्र भर की थी दो पल की नहीं बात साथ की थी हालात की नहीं जहाँ के मेले में हाथ छोड़ दिया तूने बात जुबान की थी किस्मत की नहीं

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.ज़िंदा रहे तो क्या है जो मर जाएं हम तो क्या दुनिया से ख़ामोशी से गुजर जाएं हम तो क्या हस्ती ही अपनी क्या है ज़माने के सामने एक ख्वाब है जहाँ में बिखर जाएं हम तो क्या

2.अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा मगर तुम्हारी तरह कौन मुझे चाहेगा तुम्हें जरूर कोई चाहतों से देखेगा मगर वो आँखें हमारी कहा से लाएगा

3.आतिश -ऐ-इश्क में जल जाऊँ तुझे इससे क्या मौसम की तरह बदल जाऊँ तुझे इससे क्या चोट कौन या जख्म लगे ये एहसास-ऐ-गम में तर्पण मैं गिर जाऊँ या संभल जाऊँ तुझे इससे क्या

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.तुमने देखा तो हमें प्यार से बस इतना ही सही तेरा बस हो गया दीदार बस इतना ही सही तेरा आशिक़ हूँ तुमने हमें चाहा ना सही कभी मुझको पहचान लिया बस इतना ही सही

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.उसकी चाहत ने रुलाया बहुत है उसकी यादो ने तड़पाया बहुत है हम उससे करते है मोहब्बत बेइन्तहा इस बात को उसने आज़माया बहुत है

2.कहते है वो मजबूर है हम ना चाहते हुए भी दूर है हम चुरा ली है उन्होंने धड़कने हमारी फिर भी कहते है की बेक़सूर है हम

3.मोहब्बत से रिहा होना जरुरी हो गया है मेरा तुझसे जुदा होना जरुरी हो गया है वफ़ा के तज़ुर्बे करते हुए तो उम्र गुजरी ज़रा सा बेवफा होना जरुरी हो गया है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.ऐ मौत मैं तुझे गले लगाना चाहता हूँ कितनी वफ़ा है तुझे मैं ये आज़माना चाहता हूँ रुलाया है बहुत दुनिया में लोगो ने मुझे मिले जो साथ तेरा तो मैं दुनिया को रुलाना चाहता हूँ

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.इससे पहले की बेवफा हो जाएं क्यों ना ऐ दोस्त हम जुदा हो जाएं तू भी हीरे से बन गया पत्थर हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएं

2.आँखें भी हाय नज़ा में अपनी बदल गयी सच है की बेकसी में कोई आश्ना नहीं

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.एक पल की जुदाई गवारा ना कर सके ऐसा इश्क हम दुबारा ना कर सके ज़िंदगी भर पलट के ना देखा कभी हम फिर भी शिकवा तुम्हारा ना कर सके

2.यहीं से जान गया मैं की वक़्त ढलने लगा मैं थक हार के बैठा तो फिर जलने लगे जो दे रहा था सहारा तो एक हजूम में था जो गिर पड़ा तो सभी रास्ते बदलने लगे

3.चाहने से कोई चीज अपनी नहीं होती हर मुस्कराहट ख़ुशी नहीं होती अरमान तो होते हैं बहुत मगर कभी वक़्त तो कभी किस्मत सही नहीं होती

4.हमने मोहब्बतों के नशे में आ कर उसे खुदा बना डाला होश तब आया जब उसने कहा की खुदा किसी एक का नहीं होता

5.मरने का तेरे इश्क में इरादा भी नहीं है, है इश्क मगर इतना ज्यादा भी नहीं है

6.नादानी की हद है ज़रा देखो तो उन्हें मुझे खो कर वो मेरे जैसा ढूंढ रहे है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.कितना अजीब अपनी जिंदगी का सफर निकला सारे जहाँ का दर्द अपना मुक़द्दर निकला जिसके नाम अपनी जिंदगी का हर लम्हा कर दिया अफ़सोस वो हमारी चाहत से बेखबर निकला

2.खुली जो आँख तो वो था ना वो ज़माना था दहकती आग थी तन्हाई थी फ़साना था ये क्या की चंद ही कदमो पे थक के बैठ गए तुम्हें तो साथ मेरा दूर तक निभाना था

3.किसी ने हमें आशिक़ कहा किसी ने हमें दीवाना कहा इन आँखों में आंसू तब आये जब कुछ अपनों ने ही हमें बेगाना कहा

4.कर रहा था ग़म-ऐ -जहाँ का हिसाब आज तुम याद बेहिसाब आये

……………………………………………………………………………………………………………………………………………………

1.कुछ खबर नहीं हमको अपना या पराया है ढूंढने ये दिल जिसको इस गली में आया है हम दुआएं देते है तुमको फिर भी जान-ऐ-जान मगर तुमने इस दिल को बे पनहा सताया है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.बराबर से बच कर गुजर जाने वाले ये नाले नहीं बे-असर  जाने वाले नहीं जानते कुछ की जाना कहाँ है चले जा रहे है मगर जाने वाले

2.रसम-ऐ-वफ़ा निभाना तो गैरत की बात है वो मुझको भूल जाये ये हैरत की बात है सब मुझको चाहते है शोहरत की बात है बस वो हमें नहीं चाहते ये हमारी किस्मत की बात है

3.बेताबियाँ समेट के सारे जहान की जब कुछ ना बन सका तो मेरा दिल बना दिया

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आये थे तेरी कसम तुझे अपना बनाने आये थे किस बात की सजा दी तुमने हमें बेवफा हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आये थे

2.दिल के बहलाने की तदबीर तो है तू नहीं है तेरी तस्वीर तो है हमसफ़र छोड़ गए मुझको तो क्या साथ मेरे मेरी तक़दीर तो है

3.मेरी कोशिश हमेशा नाकाम रही पहले तुम्हे पाने की अब तुम्हे भुलाने की

……………………………………………………………………………………………………………………………………………………

1.क्यों कोई चाह कर मोहब्बत निभा नहीं पाता क्यों कोई चाह कर रिश्ता बना नहीं पाता क्यों लेती है जिंदगी ऐसी करवट की कोई चाह कर भी प्यार जता नहीं पाता

2.ना जिंदगी मिली ना वफ़ा मिली ना जाने क्यों हर ख़ुशी हमसे खफा मिली झूठी मुस्कान लिए अपने गम छुपाते है सच्ची मोहब्बत करने की भी क्या खूब सजा मिली

3.पलकें खुली सुबह तो ये जाना हमने मौत ने आज फिर से हमें जिंदगी के हवाले कर दिया

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.दिल तोड़कर हमारा तुमको राहत भी ना मिलेगी हमारे जैसी तुमको चाहत भी ना मिलेगी यूँ इतनी बेरुखी ना हमें दिखलाये हम अगर रूठे तो हमारी आहात भी ना मिलेगी

2.दिल की बात को जुबान से कहना नहीं आता खफा होना तो आता है खफा रहना नहीं आता है

3.दिलों को फ़िक्र-ऐ-दो-आलम से कर दिया आज़ाद तेरे जूनून का खुदा सिलसिला दराज़ करे

4.कुछ पाने की चाहत में बहुत कुछ छूट जाता है ना जाने सब्र का धागा कहाँ पर टूट जाता है ज़रा बताओ की तुम किसे हमराह कहते हो यहाँ तो अपना साया भी साथ छोड़ जाता है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….
1.पहली मोहब्बत थी हमारी हम जान ना सके प्यार क्या होता है हम पहचान ना सके हमने उन्हें दिल में बसाया है इस कदर की चाह कर भी हम उन्हें अपने दिल से निकल ना सके

2.भुलाकर मुझे अगर तुम अब भी हो सलामत तो भुलाकर तुम्हे सम्भालना मुझे भी आता है मेरी फितरत में नहीं है ये आदत वरना तेरी तरह यूँ बदलना मुझे भी आता है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.कोई मिल जाये मुझे तुम जैसा ये ना -मुमकिन सही लेकिन तुम ढूंढ लो हम जैसा इतना आसान ये भी नहीं

2.काश वो समझते है इस  दिल की तड़प को तो यूँ हमें रुस्वा ना किया होता उनकी ये बेरुखी भी मंजूर थी हमें बस एक बार हमें समझ लिया होता

3.जान तुम पर निसार करता हूँ मैं नहीं जानता दुआ क्या है मैंने माना की कुछ नहीं ग़ालिब मुफ्त हाथ आये तो बुरा क्या

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………..

1.मैं भी मुहं में जुबान रखता हूँ काश पूछो की मुद्दा क्या है जब की तुझ बिन नहीं कोई मौजूद फिर ये हंगामा ऐ खुदा क्या है

2.वफ़ा की कीमत लगाई नहीं जाती हमसे अपनी चाहत छुपाई नहीं जाती इस कदर मोहब्बत है हमें  उनसे की उनकी खता भी हमसे बताई नहीं जाती

3.कुछ मैं भी थक गया उसे ढूंढते हुए कुछ जिंदगी के पास भी मोहलत नहीं रही उसकी हर एक अदा से झलकने लगा खलूस जब मुझको ऐतबार की आदत नहीं रही

4.दीदार तेरा किया हमने आज गैरो की क़तार से ना नजर-ऐ -इनायत हुई ना रूह को सुकून मिला

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.मैं एक ज़रा बुलंदी को छूने निकला था हवा ने थम के ज़मीन पर गिरा दिया मुझको

2.उड़ान वालों उड़ानों पे वक़्त भारी है परों की अबकी नहीं हौसलों की बारी है

3.तू दोस्त किसी का भी सितमगर ना हुआ था औरों पे है वो जुल्म की मुझ पर ना हुआ था छोड़ा मेह -ऐ -नख्शब की तरह दास्त-ऐ-क़ज़ा ने खुर्शीद हनूज़ उस के बराबर ना हुआ था

4.दीवाना मत कहो मुझको यूँ अच्छा नहीं लगता बड़ा अफ़सोस होता है जब कोई अपना नहीं लगता लगता है की होगी  उसकी भी कुछ मजबूरी उसका यूँ छोड़ कर जाना अच्छा नहीं लगता

5.हम ने वक़्त से बहुत वफ़ा की लेकिन वक़्त हमसे बेवफाई कर गया कुछ तो हमारे नसीब बुरे थे कुछ उसका हमसे जी भर गया

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….
1.बदलते इस ज़माने ने सब को बदल डाला ख्वाबों और ख्यालों को भी बदल डाला ना बदल सका उस बेवफा को प्यार मेरा जिसके लिए हमने अपने आप को बदल डाला

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.बदली जो कायनात मुझे इसका गम नहीं लेकिन बुरा था नसीब जो तुम बदल गए

2.खामोश गुजर जाते है वो करीब से सवाल उठते है दिल में अजीब से वो खफा है या ये उनकी कोई अदा है शिकायत भी क्या करे अब अगर यही है नसीब में

3.जाने दो अब इस गुस्से को इश्क को तो भी निभाना है गुस्सा है अगर आशिक पर तो कब्र में क्यों इससे लजाना है

4.एक से सिलसिले है सब हिज्र की रुत बता गयी फिर वही सुबह आएगी फिर वही शाम आ गयी मेरे लहू में जल उठे उतने ही ताज़ा दम चिराग वक़्त की साजिशी हवा जितने दिए बुझा गयी

5.ज़माना बदल गया बदल गए इंसान भी आज बदला सब कुछ चाहत और प्यार भी आज किसी की नजर में कीमत नहीं है  खून की पैसा जिसकी जेब में वो ही सुल्तान और अमीर भी

6.ये तरक़्क़ी का ज़माना है तेरे आशिक पर उँगलियाँ उठती थी अब हाथ उठा करते है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.चमन से बिछड़ा हुआ एक गुलाब हूँ मैं खुद अपनी तबाई का जबाब हूँ यूँ निगाहे ना फेर मुझसे मेरे सनम मैं तेरी चाहतों में ही हुआ बर्बाद हूँ

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.एक टुकड़ा है तेरी यादों की चांदनी का तोड़ निहारा उसे देर तक हथेली पर रख के फिर एक फूँक से उड़ा दिया कल रात मैंने आज सुबह देखी है तेरे एहसास की ढून्ढ हर तरफ फैली हुई

2.हर ग़ालिब ग़ालिब जिसको समझते है हम शुहूद है ख्वाब में हनूज़ जो जागे है ख्वाब में
3.कैसे कहे की उसको भी हमसे है कोई वास्ता उसने तो हमसे आज तक कोई गिला नहीं किया

4.मौत से कह दो की हमसे नाराजगी ख़त्म कर ले अब वो भी बहुत बदल गए है जिनके लिए जिया करते थे हम

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.जिस दिन से चला हूँ मेरी मंजिल पर नजर है आँखों ने कभी मिले का पत्थर नहीं देखा

2.उतना ही मुझको अपनी हकीकत से बूद है जितना की  वेहम-ऐ-गैर से हूँ पेच -ओ-ताब में

3.है आज क्यों ज़लील के कल तक ना थी पसंद गुस्ताख़ी-ऐ-फरिश्ता हमारे जनाब में

1.तिनको से खेलते ही रहे आशियाँ में हम आया भी और गया भी ज़माना बहार का

2.ये ना पूछ की शिकायते कितनी है तुझसे ऐ जिंदगी सिर्फ ये बता की तेरा कोई और सितम बाकी तो नहीं है

3.कहते है वो मजबूर है हम ना चाहते हुए भी दूर है हम चुरा ली है उन्होंने धड़कने हमारी फिर भी कहते है बेक़सूर है हम

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.क़सम देकर अपनी तुझे रोक लेगा तेरी लघज़िशों पे तुझे टोक देगा तू मुड़ मुड़ के पीछे किसे देखता है तेरा कौन है जो तुझे रोक लेगा

2.दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया तुझ से भी दिल फरेब है ग़म रोजगार के

3.कभी पत्थर से भी टकराये तो खराश तक ना आये कभी इक बात ही से इंसान टूट के बिखर जाते है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………..

1.कब तलक तुझ पे इनहिसार करे क्यों ना अब दूसरों से प्यार करे तू कभी वक़्त पर नहीं पंहुचा किस तरह तेरा ऐतबार करे

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.मेरे पास इतने सवाल थे मेरी उम्र से ना सिमट सके तेरे पास जितने जवाब थे तेरी एक निगाह में आ गए

2.एक ख़ुशी दिल ने क्या मांग ली मेरी हर ख़ुशी को नजर लग गयी

3.जो बुराई मेरे नाम से मनसूब हुई दोस्तों कितना बुरा था मेरा अच्छा होना

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.मेरी वफ़ा  की गवाही तो सितारे भी देते है पर मेरे चाँद को आया नहीं ऐतबार मेरा

2.बड़ी होती है मायूसी बड़ी होती है मायूसी बना कर हमने नकाश आरजू अक्सर मिटा डाली

3.ये क्या की तुझे भी है ज़माने से  शिकायत ये क्या की तेरी आँख भी पुरनुम है मेरी जान

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.हो ना हो ये कोई सच बोलने वाला है कातील जिसके हाथों में क़लम पावों में ज़ंजीरें है

2.जिगर हो जायेगा छलनी ये आँखे खून रोयेंगी वैसी बे फ़ैन्ज़ लोगों से निभा कर कुछ नहीं मिलता

3.जिनको तूफ़ान से उलझने की आदत हो मोहसिन ऐसी कश्ती को समंदर भी दुआ देते है

4.तुम पर बीतेगी तो तुम भी जान जाओगे मोहसिन कोई नजर अंदाज करे तो कितना दर्द होता है

5.लोग तो मजबूर है मारेंगे पत्थर क्यों ना हम शीशों से कह दे टुटा ना करे

……………………………………………………………………………………………………………………………………………………

1.कहाँ तलाश करोगे तुम मुझ जैसा कोई जो तुम्हारे सितम भी सहे और तुम से मोहब्बत भी करे

2.इश्क़ क़ातिल से भी मक़तूल से हमदर्दी भी ये बता किस से मोहब्बत की जजा मांगेगा

3.बात तो किरदार की होती है ग़ालिब वरना क़द में तो साया भी इंसान से बड़ा होता है

4.मजा देती है उनको जिंदगी की ठोकरें मोहसिन जिनको नाम -ऐ-खुदा लेकर संभल जाने की आदत हो

5.जिनके आँगन में अमीरी का शजर लगता है उनका हर ऐब भी जमने को हुनर लगता है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.रैज़ा रैज़ा है अक्स मेरा मगर हैरत ये है, है मेरा आइना सलामत तो फिर टूटा क्या है

2.वो दिल में है धड़कन में है रूह में है ग़ालिब सिर्फ किस्मत में नहीं है तो खुदा से गिला कैसा

3.नेरंगी सिआसत ऐ दौरान तो देखिये मंजिल उन्हें मिली जो शरीक ऐ सफर ना थे

4.ज़मीर मरता है एहसास की ख़ामोशी से ये वो वफ़ात है जिसकी खबर नहीं होती

5.कुछ आंसू कुछ खुशिया देकर टाल गया जीवन का एक और सुनहरा साल गया कौन जाने की कल का समा कैसा होगा अब तक तो कल सा ही है सब हाल गया

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.शोर है हंगामा अराई है जिंदगी तू कहाँ ले आई है नफ्सा नफ्सी का अजीब आलम है भीड़ है मगर तन्हाई है

2.जुदा हुए है बहुत लोग इक तुम भी सही अब इतनी सी बात पे क्या जिंदगी हराम करे

3.जाने किस दौर में जाएगी ये आदत मेरी रूठना उससे और औरों से उलझते रहना

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.उम्मीद तो मंजिल पे पहुंचने की बारी थी तक़दीर मगर जाने कहाँ सोई पड़ी थी खुश थे की गुजरेंगे रफ़ाक़त में सफर  अब तन्हाई मगर बाँहों को फिर खोले खड़ी थी

2.यूँ ना बर्बाद कर मुझे बाज़ आज मेरा दिल दुखाने से मैं तो इंसान हूँ पत्थर भी टूट जाता है इतना आजमाने से

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.हमने ही तर्क -ऐ-तालुक में पहल की के फ़राज़ वो चाहता था मगर हौसला ना था उसका

2.ना जी भर कर देखा ना कुछ बात की भरी आरजू थी हमको मुलाकात की

3.ग़ुम ऐ आरजू तेरी राह में शब ऐ आरजू तेरी चाह में जो उजड़ गया वो बसा नहीं जो बिछड़ गया वो मिला नहीं

4.वो कितना मेहरबान था की हजारो गम दे गया हम कितने खुदगर्ज निकले कुछ ना दे सके मोहब्बत के सिवा

5.ये मज़ा था दिल लगी का की बराबर आग लगती ना मुझे क़रार होता ना मुझे क़रार होता

6.हैरान हूँ की मुद्दत -ऐ-क़ातील मैं मोहसिन वो शख्स मेरी सोच से ज्यादा बदल गया

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.हुस्न भी था कशिश भी थी अंदाज भी था नक़ाब भी था हया भी था प्यार भी था अगर कुछ ना था तो बस इकरार

2.हर एक बात पे कहते हो तुम की तू क्या है तुम्ही कहो की ये अंदाज-ऐ-गुफ्तगू क्या है

3.लम्हा भर अपना हवाओं को बनाने वाले अब ना आएंगे पलट कर कभी जाने वाले

4.समन्दरों में मुआफिक हवा चलाता है जहाज़ खुद नहीं चलते खुदा चलाता है

5.अपने मेहबूब की खातिर था खुदा को मंजूर वरना क़ुरान भी उतरता बे जुबान -ऐ-उर्दू

6.क्या जानिए क्या है तेरे बीमार की हालत इसे भी कहते है की है वक़्त दुआ का

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.खामोश फ़िज़ा थी साया भी नहीं था इस दुनिया में उनसा कोई आया भी नहीं था किस जुर्म में छीनी गयी हमसे हमारी हंसी हमने तो किसी का दिल दुखाया भी नहीं था

2.कोई गिला कोई शिकवा ना रहे आपसे ये आरजू है की सिलसिला रहे आपसे बस इस बात की बड़ी उम्मीद है आपसे खफा ना होना अगर हम खफा रहे आपसे

3.दिल को पिघलाता हुआ आँखों क गरमाता हुआ फिर ख्याल -ऐ-यार आया आगा बरसाता हुआ

4.करता रहा फरेब कोई सादगी के साथ इतना बड़ा मजाक मेरी जिंदगी के साथ शायद मिली सजा मुझे इस जुर्म की हो गया था जो प्यार मुझे एक अजनबी के साथ

5.ख्याल जिसका था मुझे ख्याल में मिला मुझे सवाल का जवाब भी सवाल में मिला मुझे किसी को अपने अमल का हिसाब क्या देते सवाल सारे गलत थे जवाब क्या देते

6.किसी के दिल में बसना बुरा तो नहीं किसी को दिल बसाना खता तो नहीं है ये ज़माने की नजर में बुरा तो क्या हुआ ज़माने वाले भी इंसान है खुदा तो नहीं

7.आ गया है फ़र्क़ उसकी नज़रों में यकीनन अब वो मुझे अंदाज से नहीं अंदाजे से पहचानती है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.सजा ना दो मुझे बेक़सूर हूँ मैं थाम लो मुझको गमो से चूर हूँ मैं तेरी दूरी ने कर दिया पागल सा मुझे और लोगो का कहना है की मगरूर हूँ मैं

2.हर एक सवाल का उसको जवाब क्या देते हम अपनी जात का उसको हिसाब क्या देते जो एक लफ्ज की खुशबु ना रख सका महफूज हम उसके हाथ में पूरी किताब क्या देते

………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.जख्म देने का अंदाज कुछ ऐसा है जख्म देकर कहते है अब हाल कैसा है जहर देकर कहते है अब पीना ही होगा और जब पी लिया तो कहते है जीना ही होगा यही है दोस्तों प्यार की कहानी हँसते हँसते फिर रोना ही होगा

2.कितने मजबूर है तक़दीर के हाथो ना उसे पाने की औकात रखते है और ना उसे खोने का हौसला

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………..

1.बहुत सोचा बहुत समझा बहुत ही देर तक परखा की तनहा हो के जी लेना मोहब्बत से तो बेहतर है

2.मुद्दत से जिसके वास्ते दिल बेक़रार था वो लौट कर ना आया मगर इंतजार था जो हमसफ़र था छोड़ गया राह में मुझे मैं फँस गया भंवर में वो दरया के पार था

3.घर का दरवाजा इस अंदाज से खोला उसने की जैसे मैं नहीं कोई और था आने वाला

4.चाँद उतरा हमारे आँगन में सितारों को गंवारा ना हुआ सितारों से गिला क्या करते जब वो चाँद ही हमारा ना हुआ

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………..

1.पत्थर समझ कर पांव से ठोकर लगा दी अफ़सोस तेरी आँख ने परखा नहीं मुझे क्या उम्मीदे बांध कर आया था सामने उसने तो आँख भर के देखा नही मुझे

2.उन्होंने खुद की जुबान को मोड़ दिया नादानी में हमारे दिल को तोड़ दिया अब तो हमारे आंसू भी नहीं रुकते उनकी याद में क्यों की अपनों ने ही हमसे मुहं मोड़ लिया

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.चाहे जितना हँस लो आज मुझ पर मैं बुरा नहीं मानूंगा इस हंसी को अपने दिल में बसा लूंगा और जब याद आएगी तुम्हारी यही हंसी लेकर थोड़ा मुस्कुरा लूंगा

2.हाथों की लकीरो पे मत जा ऐ ग़ालिब नसीब उनके भी होते है जिनके हाथ नहीं होते

3.रोता हूँ तो अहबाब बुरा मानते है हँसता हूँ तो मुजरिम मुझे मानते है हर हाल में ऐतराज करने वाले नादान मेरे हालात कहाँ जानते है

4.किसी फ़क़ीर की झोली में जब मैंने एक सिक्का डाला तब ये जाना की इस महंगाई के ज़माने में दुआएं आज भी कितनी सस्ती है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

1.तुम्हारे बाद कौन बनेगा मेरा हमदर्द हमने तो अपने भी खोये है तुझे पाने के लिए

2.यूँ कहने को तो हम बड़े खुश मिजाज है लेकिन रुला देती है अपनों की प्यार की हसरत कभी कभी

3.इस कदर हम यार को मनाने निकले उसकी चाहत के हम दीवाने निकले जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा तो उसके होठो से वक़्त ना होने के बहाने निकले

……………………………………………………………………………………………………………………………………………………

गिला शिकवा शायरी, gila shikwa, gila shikwa shayari collection, gila shikwa shayari sms, gila shikwa shayri, gila shikwa hindi shayri