Dard Shayari_दर्द शायरी

Dard Shayari दर्द शायरी

Dard Shayari_दर्द शायरी

Dard Shayari_दर्द शायरी

 

1.तुम्हारा क्या बिगाड़ा था जो तुमने तोड़ डाला है ये टुकड़े मैं नहीं लुंगी मुझे तुम दिल बना कर दो

2.बिस्तर बांध लिया है मैंने ग़ालिब बताओ कहाँ रहते है वो लोग जो कहीं के नहीं रहते

3.कभी खुद पे तो कभी हालात पे हंसी आई तन्हा बैठे बैठे बीती बात पे हंसी आई वो याद आये तो कुछ पल तो रोना आया फिर अगले ही पल मुझे हाल -ऐ- दिल पर हंसी आई

4.ज़ख़्म ऐसा दिया की कोई दवा काम नहीं आई आग ऐसी लगाई की पानी से भी बुझ ना पायी आज भी रोते है उनकी याद में जो छोड़ कर चले गए और उन्हें हमारी याद तक ना आई

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1.बारिश हुई तो फूलों के तन छाक हो गए मौसम के हाथ भीग के सफाक हो गए मौसम को क्या खबर है की बारिश की चाह में कैसे बुलंद-ओ-बाला शजर ख़ाक हो गए

2.हर जख्म किसी ठोकर की मेहरबानी है मेरी जिंदगी बस एक कहानी है मिटा देते सनम के दर्द को सीने से पर ये दर्द ही उसकी आखिरी निशानी है

3.तेरे नाम की थी जो रोशनी उसे खुद ही तुमने बुझा दिया ना जला सकी जिसे धुप भी उसे चांदनी ने जला दिया हूँ गर्दिशों में घिरा हुआ मुझे अब अपनी खबर नहीं वो जो शख्स था मेरा रहनुमा उसे रास्तों में गँवा दिया

4.जो नहीं आता उसका इंतजार क्यों होता है किसी के लिए अपना ये हाल क्यों होता है वैसे तो इस दुनिया में काफी चीजे प्यारी है जो नहीं मिलता उसी से प्यार क्यों होता है

5.जाने किस मोड़ पर ले आई है जिंदगी बंद है दरीचे तमाम ना कोई किनारा दिखाई दे नहीं मालूम उल्फत की है कौन सी मंजिल की तेरे सिवा अब ना हमें गुजारा दिखाई दे

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1.ऐ खुदा किसी को ऐसी जिंदगी ना दे जिंदगी दे तो यूँ बेबसी ना दे दिल में रहे सदा चाहतें यार के मिलन की पर ना हो सके मुलाकात उनसे ऐसी कोई मज़बूरी ना दे

2.ऐ सुबह मैं अब कहाँ रहा हूँ ख्वाबों ही में सर्फ़ हो चूका हूँ सब मेरे बगैर मुतमइन है मैं सब के बगैर जी रहा हूँ

3.दिल ही तो है संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर ना आये क्यों रोयेंगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यों देर नहीं हराम नहीं डर नहीं आस्तां नहीं बैठे है रहगुजर पे हम गैर हमें उठाये क्यों

4.दिल टूटेगा तो फरियाद करोगे तुम भी हम ना रहे तो हमें याद करोगे तुम भी आज कहते हो हमारे पास वक़्त नहीं पर एक दिन मेरे लिए वक़्त बर्बाद करोगे तुम भी

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1.दिल्लगी में दिल को हम कैसा रोग लगा बैठे जिंदगी को छोड़ क्यों मौत को गले लगा बैठे हमने समझा था दिल लगाकर दिल को चैन मिलेगा ऐसी लगी चोट की दिल को बेदर्द से दर्द लगा बैठे

2.हमने माना की तग़ाफ़ुल ना करोगे लेकिन ख़ाक हो जायेंगे हम तुमको खबर होने तक परतवे -ऐ-खुर से है शबनम को फना की तालीम मैं भी हूँ एक इनायत की नजर होने तक

3.रोने से कभी किसी को कुछ हासिल नहीं होता जो बिछड़ जाये वो साथी नहीं होता दुसरो की तो हम महफ़िल सजाते रहते है पर हमारी तन्हाई में कभी कोई शामिल नहीं होता

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1.आज भी बहता है उसका दिया हुआ जख्म मैं चाह कर भी उसे सील ना पाया बस कहने के लिए ही जिन्दा हूँ मैं तो यारों पर मर्जी के साथ कभी जी नहीं पाया

2.हमारी तन्हाई मिटाने के लिए कौन आएगा इन रोती हुई आँखों को चुप कराने कौन आएगा किसी को अब जरुरत ही नहीं है हमारी दोस्तों सोचते है अगर मर गए तो दफ़नाने कौन आएगा

3.तुझसे अब और मोहब्बत नहीं की जा सकती खुद को इतनी भी अज़ीयत नहीं दी जा सकती जानते है यकीन टूट रहा है दिल पर फिर भी अब तर्क ये वहशत नहीं दी जा सकती

4.यूँ तो हम दुश्मनो के काफिलों से सर उठा कर गुजर जाते है खौफ तो अकसर अपनों की गलियों से गुजरने में लगता है

5.गम-ऐ-इश्क रह गया है गम-ऐ-जुस्तजू में ढलकर वो नजर से छिप गए है मेरी जिंदगी बदलकर

6.आंसू ना होते तो आँखे इतनी खूबसूरत ना होती दर्द ना होता तो खुशियों की कीमत ना होती पूरी करता रब  यूँ ही सब मुरादें तो इबादत की कभी जरुरत ना होती

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1.ये इश्क वाले वफ़ा की कीमत क्या जाने बेवफा है ये गम-ऐ-मोहब्बत क्या जाने मिलता हो जिन्हे हर मोड़ पे नया हमसफ़र वो सच्चे प्यार की कीमत क्या जाने

2.उसकी चाहत ने रुलाया बहुत है उसकी यादो ने तड़पाया बहुत है हम उससे करते है मोहब्बत बेइन्तहा इस बात को उसने आज़माया बहुत है

3.जिंदगी से क्यों रूठ गए हो तुम इतने मायूस क्यों हो गए तुम जरूर तुम्हारा भी किसी ने दिल तोडा है जो इतने गम-गीन हो गए तुम

4.तुम मेरे लिए अब कोई इल्जाम ना ढूंढो चाहा था तुम्हे एक यही इल्जाम बहुत है

5.खूबसूरती की पहचान बनावट से नहीं होती मोहब्बत की पहचान धडकनो की आहट से नहीं होती कैसे समझ लिया खुश है हम आपके बगैर खुशियों की पहचान सिर्फ मुस्कराहट से नहीं होती

6.हर मुलाकात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ सुनी थी सिर्फ गजलो में जुदाई की बातें जब खुद पर बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ

7.दिल के दर्द को छुपाना जितना मुश्किल है टूट कर फिर मुस्कुराना उतना ही मुश्किल है किसी के साथ दूर तक जाओ और फिर देखो की अकेले लौट कर आना कितना मुश्किल है

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1.बिना बताये उसने ना जाने क्यों ये दुरी करदी बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी करदी मेरे मुकद्दर में गम आये तो क्या हुआ खुदा ने उसकी ख्वाहिश पूरी करदी

2.जुदा किसी से किसी का ग़रज़ हबीब ना हो ये दाग़ वो है की दुश्मन को भी नसीब ना हो

3.एक अजीब दास्तान है मेरे अफ़साने की मैंने पल पल की कोशिश उसके पास जाने की नसीब था मेरा या साजिश ज़माने की दूर हुई मुझसे उतनी जितनी उम्मीद थी करीब आने की

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1.रोज ढलती हुई शाम से डर लगता है अब मुझे इश्क के अंजाम से डर लगता है जब से मिला है धोखा इस इश्क में तब से इश्क के नाम से भी डर लगता है

2.रहेगा इश्क तेरा ख़ाक में मिला के मुझे की इब्तिदा में हूँ रंज इंतिहा के मुझे दिया है हिज्र में दुःख दर्द किस बला के मुझे शब-ऐ-फ़िराक़ ने मारा लिटा लिटा के मुझे

3.दर्द कितने है  बता नहीं सकता जख्म कितने है दिखा नहीं सकता आँखों से समझ सको तो समझ लो आंसू गिरे है कितने गिना नहीं सकता

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1.तुझको पाकर भी कभी तो खोना था ये हादसा मेरे साथ कभी तो होना था वो तोड़कर अक्सर दिल मेरा फिर जोड़ता रहा जैसे मैं उसके हाथ का कोई खिलौना था

2.जिस दिन मेरी अर्थी इस दुनिया से विदा होगी एक अलग समां होगा एक अलग बात होगी कहना उस बेवफा से मर गए तुम्हारे चाहने वाले अब ना हम है और ना हमारी बातें होगी

3.हमने तो बस इतना ही सीखा है दोस्तों राह-ऐ-मोहब्बत में कभी किनारा नहीं मिलता जो मिल जाये इस राह पर कभी यार से वो जख्म कभी फिर दोबारा नहीं सिलता

4.जीते जी हम तो गम -ऐ-फ़र्दा की धुन में मर गए कुछ वही अच्छे है जो वाक़िफ़ नहीं अंजाम से

5.उम्मीदों के दामन में जिन्दा है हम वरना जीने की चाहत कहाँ  तुमसे मिलने की आरज़ू लिए फिरते है दर-ब-दर वरना इस लाश के नसीब में कब्र कहाँ

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1.मैं बिखर जाऊंगा ज़ंजीर की कड़ियों की तरह और रह जाएगी इस दश्त में झंकार मेरी

2.चिराग-ऐ-वफ़ा अपने हाथ में लिए घूमते रहे जिनके लिए हम रात भर आज वो ही जुदा हमसे हो गए है चल दिए वो ही हमसे अपना मुहं मोड़ कर

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1.जिन्हे भुलाने में यारों इतने ज़माने लगे जब दिल दुखा तो वो ही लोग याद आने लगे

2.गम में भी मुस्कुराना चाहता हूँ मैं एक नयी दुनिया बसाना चाहता हूँ मैं मगर ना जाने क्यों निकल आते है आंसू जब भी तुम्हे भुलाना चाहता हूँ मैं

3.सो जिंदगी निसार करूँ ऐसी मौत पर यूँ रोये ज़ार ज़ार तू अहल-ऐ-अजा के साथ

4.आया था साथ लेकर  तेरी यादों का सहारा जा रहा हूँ मैं लेकर तेरे गम का फ़साना मर जायेंगे हम तड़पकर तेरी बला से ना बसा मेरी मोहब्बत का कहीं आशियाना

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1.तुझसे बिछड़ कर क्या हूँ मैं अब बाहर आकर देख हिम्मत है तो मेरी हालत आँख मिलाकर देख शाम है गहरी तेज हवा है सर पे खड़ी है रात रास्ता गए मुसाफिर का अब दिया जलाकर देख

2.मजबूरियों को हम पलकों में छुपा लेते है हम कहाँ रोते है बस ये हालत रुला देते है हम तो हर पल याद करते है सिर्फ आपको और वो ही हम पर याद ना करने का इल्जाम लगा देते है

3.गैरो पे खुल ना जाये कहीं राज देखना मेरी तरफ भी ग़म-ऐ-घमाज देखना

4.उसकी आँखों में कोई दर्द बसा है शायद या मुझे खुद ही वहम सा हुआ है शायद मैंने पूछा की भूल गए हो क्या तुम भी पोंछ कर आंसू उसने भी कह दिया हां शायद

5.मेरा मुक़द्दर पढ़ने वाले ने मुझे परेशानी में डाल दिया हाथों की लकीरो को देख कर बोला तुझे मौत नहीं किसी की चाहत मारेगी

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1.ज़माने वाले मिल गए है सभी एक दूसरे से मिलकर सभी ने मुझ अकेले को मारा है तू भी मत हो जाना बेवफा सभी की तरह ऐ मेरे दोस्त इस दिल को बस तेरा सहारा है

2.रोने की सजा है ना रुलाने की सजा है ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सजा है हँसते है तो आँखों से निकल आते है आंसू ये उस शख्स से दिल लगाने की सजा है

3.तमान उम्र जो की हमसे बे-रूखी सबने कफ़न में हम भी अजीजों से मुहं छुपा के चले

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1.फुर्सत मिली जब हमको तो तन्हाई आ गयी घूम भी आया साथ में रुस्वाई आ गयी इन सबसे मिलने आँखों से आंसू भी आ गए

2.हम है सूखे हुए तालाब पे बैठे हुए हंस जो ताल्लुक़ को निभाते हुए मर जाते है ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन लोग किरदार निभाते हुए मर जाते है

3.कहाँ से लाऊँ हुनर उसे मनाने का कोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने का मोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थी क्यों की जुर्म मैंने किया था उससे दिल लगाने का

4.दर्द के मिलने से ऐ यार बुरा क्यों माना उसको कुछ और सिवा दीड के मंजूर ना था

5.बहुत हो चुका इंतजार उनका अब और जख्म सहे जाते नहीं क्या बयान करे उनके सितम को दर्द उनके अब कहे जाते नहीं

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1.अब तो घबरा के ये  कहते है की मर जायेंगे मर के भी चैन ना पाया तो किधर जायेंगे

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1.अगर यकीन होता की कहने से रुक जायेंगे तो हम भी हंसकर उनको पुकार लेते मगर नसीब को ये मंजूर नहीं था की हम भी दो पल ख़ुशी से गुजार लेते

2.दिया दिए से जला लू तो चैन आये मुझे तुम्हे गले से लगा लू तो चैन आये मुझे मोहब्बतों के सहीफ़े है या अजीब कोई तेरे खतूत जला लू तो चैन आये मुझे

3.अच्छा होता जो तुमसे प्यार ना हुआ होता चैन से रहते हम जो तुम्हारा दीदार ना हुआ होता हम कब के पहुंच चुके होते अपनी मंजिल पर अगर बेवफा तुझ पर ऐतबार ना हुआ होता

4.आता है दाग-ऐ-हसरत-ऐ-दिल का शुमार याद मुझ से मेरे गुनाह का हिसाब ऐ खुदा ना मांग

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1.साये ने साथ छोड़ दिया यार ने दिल तोड़ दिया अब तो खुदा भी मेरे खिलाफ हो गया जो प्यार का चिराग जलाया था मैंने उसी चिराग से जलकर मेरा घर खाक हो गया

2.कोई मिला नहीं जिसको वफ़ा देते हर एक ने धोखा दिया किस किस को सजा देते ये हमारा ज़र्फ़ था की खामोश रहे वरना दास्ताँ सुनाते तो महफ़िल को भी रुला देते

3.अजब रंगो में गुजरी है जिंदगी अपनी दिलों पे राज किया लेकिन मोहब्बत से महरूम रहे

4.अपनों ने प्यार में रुला दिया क्या हुआ जो किसी और के लिए हमें भुला दिया हम तो वैसे भी अकेले थे क्या हुआ जो आपने ये एहसास दिला दिया

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1.लफ्जों के फ़साने ढूंढते है हम लोग लम्हों में ज़माने ढूंढते है हम लोग तू जहर ही दे शराब कह कर साकी जीने के बहाने ढूंढते है हम लोग

2.इतनी नफरत है उसे मेरी मोहब्बत से उसने अपने हाथ जला लिए मेरी तक़दीर मिटाने के लिए

3.लोग पूछते है क्यों सुर्ख है तुम्हारी आँखें हंस के कह देती हूँ रात को सो ना सकी लाख चाहूँ भी मगर ये कह ना सकूँ रात को रोने की हसरत थी मगर रो ना सकी

4.यूँ तो सदमों में भी हॅंस लेता था मैं आज क्यों बेवजह रोने लगा हूँ मैं बरसों से हथेलियाँ खाली ही रही मेरी फिर आज क्यों लगा सब खोने लगा हूँ मैं

5.यूँ तसल्ली दे रहे है हम दिल-ऐ-बीमार को जिस तरह थामे कोई गिरती हुई दीवार को

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1.जिंदगी सिर्फ इसी धुन में गुजारे जाये बस तेरा नाम तेरा नाम पुकारे जाये जब ये तय है की यहाँ कोई नहीं आएगा किसकी खातिर डर-ओ-दीवार सवाँरे जाये

2.खुद ही बदल जाओगे तुम एक दिन कैसे तुम पर ऐतबार हम करे कभी सोचते है की मना लेंगे तुम्हे पर सोचते है की वो हम पर ऐतबार करे

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1.दिल से भुला दिया आँखों से कभी ना गिराना हमें इतना तड़पाया किसी और को ना तड़पाना कभी मुड़ के देखोगे उन राहो पे हम वही मिलेंगे जहाँ सोचा था कभी होगा अपना भी एक आशियाना

2.मेरी तन्हाइयों से आके आबिद कोई तो पूछे कभी जब चाँद पूरा हो समंदर चीख़ता क्यों है

3.लगा कर आग सीने में चले हो तुम कहाँ अभी तो राख उड़ने दो तमाशा और भी होगा

4.मंजिलों के गम में रोने से मंजिलें नहीं मिलती हौसले भी टूट जाते है अक्सर उदास रहने से

5.ग़ैरों में है जो शाद उन्हें ईद मुबारक जिनको नहीं हम याद उन्हें ईद मुबारक मासूम से अरमानो की मासूम सी दुनिया जो कर गए  बर्बाद उन्हें ईद मुबारक

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1.देर तो लगती है उसको भरने में जिस जख्म में शामिल हो अपनों की इनायत

2.तुम जब आओगी तो खोया हुआ पाओगी मुझे मेरी तन्हाई में ख्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हे मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं

3.तंग होता जा रहा है हाल-ऐ-यकसानियत क्या इन्ही फीके दिनों में घुट के मरना है मुझे

4.मंजिल पे आके शाद ऐ अजब हादसा हुआ मैं हमसफ़र को भूल गया हमसफ़र मुझे

5.ख्वाब ख्याल हकीकत यकीन गम और खुशियां जरा सी तो उम्र है मेरी भला किस किस के साथ गुजरूँगा

6.ख्वाबों के अंदर जिन्दा मत रहो बल्कि अपने अंदर ख्वाबो को जिन्दा रखो मोहब्बत उससे नहीं होती है जो खूबसूरत हो खूबसूरत तो वो होता है जिससे मोहब्बत होती है

7.उस्ताद क्यों रोया था किन हालात का मारा था बच्चों को सिखाया जो मोहब्बत कैसे लिखते है

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1.बदले जो नहीं है वो दिल-ओ-जान के क़रीने आँखों की जलन दिल की चुबन अब भी वही है

2.खुद से रूठूँ तो कई रोज ना खुद से बोलूं फिर किसी दर्द की दीवार से लग कर रो लूँ

3.ऐ मुझे ख्वाब दिखाने वाले लोगो सुन लो मेरा दुःख यही है कोई ख्वाब नहीं भूलता मैं

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1.ढूंढते हो क्या इन आँखों में कहानी मेरी खुद में गुम रहना तो आदत है पुरानी मेरी

2.ना ज़ात में कोई मंजिल ना क़ायनात में है सफर करूँ तो कहाँ मेरा कोई जाड़ा नहीं

3.ना तड़पने की इजाजत है ना फरियाद की है घुट के मर जाऊँ ये मर्जी मेरे सैयाद की है

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1.एक टूटे हुए दिल की आवाज मुझे कहिये सुर जिसमे है सब गम के वो साज मुझे कहिये मैं कौन हूँ और क्या हूँ किसके लिए जिन्दा हूँ मैं खुद भी नहीं समझा वो राज मुझे कहिये

2.दर्द के लम्हे कब हम पर आसान बने जो दुःख आंसू ना बन सके वो तूफ़ान बने

3.फड़फड़ाता है जो दिन रात मेरे सीने में अब यही एक परिंदा है रिहा करने को

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….1.मिले अगर मेरा हमदम तो उसे सिर्फ इतना कह देना बिना तेरी मोहब्बत के वो पगली जी नहीं सकती

2.फूलों का बिखरना तो मुक़द्दर ही था लेकिन कुछ इसमें हवाओ की सियासत भी बहुत थी

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1.खाली शीशे भी निशान रखते है टूटे हुए दिल भी अरमान रखते है जो ख़ामोशी से गुजर गए वो दरिया भी दिल में तूफ़ान रखते है

2.चल तुझे दिखा दू अपने दिल की वीरान गलियां शायद की तुझे तरस आ जाये मेरी उदासी जिंदगी पर

3.मैं अक्सर उसको सोचु तो मुझे महसूस होता है उससे मुझसे मोहब्बत थी या फिर वहम था ये मेरा

4.मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पे ख़त्म ये ज़ुल्म है इंसानो पे जिसे लोग मोहब्बत कहते है

5.दिलासा देते है लोग की यूँ हर वक़्त ना रोया करो मैं कैसे बताऊ की कुछ दर्द सहने के कभी नहीं होते

6.मौत के आगोश में सोने को जी नहीं करता है दिल को खो दिया अब जिंदगी खोने को जी नहीं करता है उसकी याद आती है जब भी मुझे ना जाने क्यों कहीं पे तन्हा बैठ के रोने को जी करता है

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1.ये मत कहना की तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा मैं खुद तन्हा रहा मगर दिल को तन्हा नहीं रखा तुम्हारी चाहतो के फूल तो महफूज़ रखे है तुम्हारी नफरतो की पीढ़ को जिन्दा नहीं रखा

2.दर्द- ऐ -दिल की आह तुम नहीं समझोगे कभी हर दर्द का मातम सर- ऐ आम नहीं होता

3.मैं थक गया हु बहुत शायदार पेड़ों से ज़रा सी धुप  बिछाकर क़ायम करता हूँ

4.लोग कहते है जिसे हद से ज्यादा प्यार करो वो प्यार की कदर नहीं करता पर सच तो ये है की प्यार की कदर जो भी करता है उसे कोई प्यार ही नहीं करता

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1.कुछ जख्म भी सदियों बाद भी ताजा रहते है फ़राज़ वक़्त के पास भी हर मर्ज़ की दवा नहीं होती

2.ये दुनिया वाले भी बड़े अजीब है कभी हमसे दूर तो कभी करीब है दर्द ना बताये तो हमें कायर कहते है दर्द बता दे तो हमें शायर कहते है

3.ज़िंदगी में बस एक दिल से चाहा उन्हें अकेले होकर भी उनके ख्यालों के संग जिया हमने गम दर्द सब में भी मुस्कुराया हमने पर ना जाने क्यों हमारी मोहब्बत का यकीन हुआ ना उन्हें

4.बड़ी मुश्किल से बने है टूट जाने के बाद हम आज भी रो देते है मुस्कुराने के बाद आपसे मोहब्बत थी हमें बे- इन्तहा मगर ये महसूस हुआ आपसे बिछड़ने के बाद

5.रखे है दिल में हमने बड़े एहतराम से जो गम दिए है तुमने मोहब्बत के नाम से

6.गम की तशरीह बहुत मुश्किल थी तो अपनी तस्वीर दिखा दी हम ने

7.अपनों ने जहर का जाम दे दिया गैरो ने बेवफा नाम दे दिया जो कहते थे भूल ना जाना उन्ही ने भूलने का पैगाम दे दिया

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1.बड़ा शोर सुनते थे पहलु में दिल का जो चीरा तो एक क़तरा -ऐ -खून ना निकला

2.कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पे हम दिल लूटा देते हर एक ने धोखा दिया किस किस को भुला देते अपने दिल का दर्द दिल ही में दबाये रखे है करते बयां तो महफ़िल को रुला देते

3.दिल हिज्र के दर्द से बोझल है अब आन मिलो तो बेहतर हो इस बात से हमको क्या मतलब ये कैसे हो ये क्योंकर हो

4.इरादा था की अब के रंग-ऐ -दुनिया देखना है खबर क्या थी की अपना ही तमाशा देखना है

5.तलाश है एक ऐसे शख्स की जो आँखों में उस वक़्त दर्द देख सके जब सब लोग मुझसे कहते है क्या यार हमेशा हंसती रहती हो

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1.एक जुर्म हुआ है हमसे एक यार बना बैठे है कुछ अपना सा उसको समझ कर सब राज बता बैठे है फिर उसके प्यार की राह में दिल- ओ-जान गवां बैठे है वो याद बहुत आते है जो हमको भुला बैठे है

2.इतनी शिद्दत से चाहा उसे की खुद को भी भुला दिया उनके लिए अपने दिल को कितनी ही बार रुला दिया एक बार ही ठुकराया उन्होंने और हमने खुदको मौत की नींद सुला दिया

3.अगर वो खुश है देख कर आंसू मेरी आँखों में तो रब की कसम हम मुस्कुराना छोड़ देंगे तड़पते रहेंगे उसे देखने को लेकिन उसकी तरफ नजर उठाना छोड़ देंगे

4.आज तो बेसबब उदास है जी इश्क होता तो कोई बात भी थी

5.ज़ख्म की बात नहीं है है जाने क्यों दर्द होता है धोखे की बात नहीं है जाने क्यों एहसास होता है जानते हुए की वो बेवफा है ना जाने फिर भी प्यार क्यों होता है

6.लेकर हम दुसरो की हंसी क्या करे जो अपनी नहीं वो ख़ुशी क्या करे तनहा जीने से बेहतर है मर जाये हम जब साथ तुम नहीं जो जिंदगी जी कर क्या करे

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1.ना कर जिद अपनी औकात में रह ऐ नादान दिल वो बड़े लोग है अपने शौक से याद करते है

2.हर सितम सह कर कितने गम छिपाए हमने तेरी खातिर हर दिन आंसू बहाये हमने तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला बस तेरे दिए जख्म हर एक से छिपाए हमने

3.हर रोज कोई ख्वाब टूट जाता है हर रोज कोई अपना रूठ जाता है ना जाने मेरी किस्मत में क्या है जिसे मैं याद करूँ वो ही मुझे भूल जाता है

4.पूछे ना जिंदगी में किसी ने भी दिल के दुःख अब शहर भर में ज़िक्र मेरी खुद- ख़ुशी का है

5.दर्द में इस दिल को तड़पते देखा है अपने सामने हर रिश्ते को बिखरते देखा कितने प्यार से सजाई थी ख्वाबो की दुनिया उसे अपनी आँखों के सामने उजड़ते देखा है

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1.एक कहानी सी दिल पर लिखी रह गयी वो नजर जो मुझे देखती रह गयी लोग आकर बाजार में बिक भी गए मेरी कीमत लगी की लगी रह गयी

2.रोती हुई आँखों में इंतजार होता है ना चाहते हुए भी प्यार होता है क्यों देखते है हम वो सपने जिनके टूटने पर भी उनके सच होने का इंतजार होता है

3.जब से उसने शहर को छोड़ा हर रास्ता सुनसान हुआ अपना क्या है सारे शहर का एक जैसा नुकसान हुआ

4.शौक़ -ऐ -सफर कहाँ है कहाँ ले गए हमें हम जिस को छोड़ आये है मंजिल वही तो थी

5.डूबी है मेरी उँगलियाँ खुद अपने लहू में ये कांच के टुकड़े उठाने की सजा है

6.दुःख देते हो और खुद ही सवाल करते हो तुम भी ओ सनम कमाल करते हो देख कर पूछ लिया है हाल मेरा चलो शुक्र है कुछ तो ख़्याल करते हो

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1.इश्क में दिल ने बहुत काम निकला अपना सच है मिलता कहाँ है चाहने वाला अपना मैं उठता हूँ सहारे के लिए उसके रह ना गया हो राह में कहीं दर्द अपना

2.हँस के फरमाते है वो देख के हालत मेरी क्यों तुम आसान समझते थे मोहब्बत मेरी बाद मरने के भी चोरी ना रफ़ाक़त मेरी मेरी तुर्बत से लगी बैठी है हसरत मेरी

3.ये ज़ब्र भी देखा है तारिख की नजरो ने लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजा पायी

4.ना हारा है इश्क ना दुनिया थकी है दिया जल रहा है हवा चल रही है सुकून ही सुकून है ख़ुशी ही ख़ुशी है तेरा गम सलामत मुझे क्या कमी है

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1.इतनी लम्बी उम्र की दुआ मत मांग मेरे लिए ऐसा ना हो की तू भी छोड़ दे और मौत भी ना आये

2.ऐसा नहीं है की अब तेरी मुझको जरुरत नहीं रही बस टूट टूट कर अब बिखरने की हिम्मत नहीं रही ऐसा नहीं है की तेरे पीछे तेरी याद आती नहीं रही बस अब फुट फुट कर रोने की हिम्मत नहीं रही

3.कुछ चीजें हम पुरानी छोड़ आये आते आते उसकी आँखों में पानी छोड़ आये ये ऐसा दर्द है जो बयां हो ही नहीं सकता दिल तो साथ ले आये लेकिन धड़कन वही छोड़ आये

4.निभा सकता हूँ मैं तमाम उम्र साथ तेरा मगर अपनी जिंदगी पर मुझे यकीन नहीं मेरे मरने पर भी रहोगी तुम पास मेरे मगर होऊँगा  उस वक़्त भी मैं तुम्हारे साथ नहीं

5.कहाँ से लाये हुनर उसे मनाने का कोई जवाब नहीं था उसके रूठ के चले जाने का मिलनी थी मुझे ही सजा इस मोहब्बत में क्यों की जुर्म मैंने ही किया था उससे दिल लगाने का

6.चाँद कालिया निशात की चुन कर मुद्दतों मह्व- ऐ-यास रहता हूँ तुझसे मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिलकर उदास रहता हूँ

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1.किताब- ऐ -इश्क में जितने अल्फ़ाज़ लिखे है दिल में मेरे उतने एहसास रखे है तुम कह कर देखते सितमगर जालिम मेरे लबो पर कितने तेरे नाम रखे है

2.इन्ही पत्थरों पर चल कर अगर आ सको तो आओ मेरे घर के रास्ते में कोई कह काशन  नहीं है

3.पहली मोहब्बत थी हमारी हम जान ना सके प्यार होता है क्या हम पहचान ना सके हमने उन्हें दिल में बसाया है इस कदर की चाह कर भी हम उन्हें अपने दिल से निकाल ना सके

4.होली के दिन की ये मुलाकात याद रहेगी रंगो की ये बरसात याद रहेगी आप को मिले ये रंगीन दुनिया ऐसे हमेशा इस टूटे हुए दिल की रब से यही फरियाद रहेगी

5.कभी ये चुप में कभी मेरी बात बात में था तुम्हारा अक्स मेरी सारी क़यामत में था हम एहल-ऐ- इश्क बहुत बाद -गुहमान होते है इस तरह का कोई वस्फ़ तेरी जात में था

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1.जा और कोई ज़ब्त की दुनिया तलाश कर ऐ इश्क हम तो तेरे काबिल नहीं रहे

2.कुछ इस तरह से मेरी जिंदगी को मैंने आसान कर लिया भूल कर तेरी बेवफाई मैंने अपनी तन्हाई से प्यार कर लिया

3.उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते है इस तरह जुदाई का गम मिटा देते है किसी तरह ज़िक्र हो जाये उनको हमारे दर्द का अगर हॅंस कर भीगी पलकों में सब दर्द छुपा लेते है

4.मुझे इन पत्थरों का डर ना होता अगर शीशे का मेरा घर ना होता यकीनन हम भी खेलते इश्क की बाजी अगर दिल टूटने का डर ना होता

5.निभाओगे तुम कसमें ये वादा ना करो मोहब्बत हमसे इतनी ज्यादा ना करो देखे है मैंने भी दौर तबाई के और हमें सताने का इरादा ना करो

6.काई सी जम गयी है आँखों पर सारा मंजर हरा सा रहता है सहमा सहमा डरा सा रहता है जाने क्यों दिल भरा सा रहता है

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1.ख्वाहिशों का काफिला भी अजीब ही है अक्सर वही से गुजरता है जहाँ रास्ता नहीं होता

2.आंसू ना होते तो आँखें इतनी खूबसूरत ना होती दर्द ना होता तो खुशियों की कोई कीमत ना होती पूरी करता जो रब यूँ ही सब मुरादें तो इबादत की कभी जरुरत ना होती

3.जाने वाले दिल को पत्थर कर गए फिर किसी को देखकर दिल धड़का ही नहीं

4.देने आये है मेरे दर्द की कीमत मुझको इतने हमदर्द है ना जाने क्यों लोग मेरे

5.आओ किसी शब मुझको टूट के बिखरता देखो मेरी रगों में जहर जुदाई का उतरता देखो किस किस अदा से तुझे माँगा है खुदा से आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो

6.वही गर्दिशें वही पैच-ओ-ख़म तेरे बाद भी वही हौंसले मेरे दम बे दम तेरे बाद भी तेरे साथ थी तेरी जफ़ा मुझे मोअतबर तेरे सारे गम मुझे मोहतरम तेरे बाद भी

7.मिल भी जाते है तो कतरा की निकल जाते है हर मौसम की तरह दोस्त बदल जाते है हम अभी तक है गिरफ्तार-ऐ-मोहब्बत यारों ठोकरें खाके के सुना था की संभल जाते है

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1.हम भी एक शाम बहुत उल्जे हुए थे खुद में एक शाम उसको भी हालात ने मोहलत नहीं दी

2.उन गलियों से जब गुजरे तो मंजर अजीब था दर्द था मगर वो दिल के करीब था जिसे हम ढूंढते थे हाथों की लखीरो में वो किसी दूसरे की किस्मत किसी और का नसीब था

3.आरज़ू ये नहीं की गम का तूफ़ान टल जाये फिक्र तो ये है की कहीं आपका दिल ना बदल जाये कभी मुझको अगर भुलाना चाहो तो दर्द इतना देना की मेरा दम निकल जाये

4.ना मेरी कोई मंजिल है ना मेरा कोई किनारा तन्हाई मेरी महफ़िल और यादें मेरा सहारा तुम से बिछड़ कर कुछ यूँ वक़्त गुजरा कभी जिंदगी को तरसे तो कभी मौत को पुकारा

5.क्यों हिज्र के शिकवे करता है क्यों दर्द के रोने रोता है अब इश्क किया तो सब्र भी कर इसमें यही कुछ होता है आग़ाज़-ऐ-मुसीबत होता है अपने ही दिल की शामत से आँखों में फूल खिलता है तलवों में कांटे बोता है

6.तुझे भूले मगर तेरी यादों को ना भुला पाये सारे संसार को जीत लिया बस एक तुझे ना जीत ना पाये तेरी यादों में ऐसे खो गए की किसी को याद ना कर पाये तुमने मुझे इस कदर तन्हा कर दिया की अब तक किसी और के ना हो पाये

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1.आँखों में रहा दिल में उतर के नहीं देखा कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा बे वक़्त जाऊंगा सब चौंक पड़ेंगे एक उम्र हुई दिन में कभी घर नहीं देखा

2.मांगने से मिल सकी नहीं हमें एक भी ख़ुशी पाये हैं लाख रंज तमन्ना किये बग़ैर

3.किसी को अपना बनाने में देर लगती है क्या हुआ वादा निभाने में देर लगती है प्यार तो पल भर में हो जाता है पर उन्हें भुलाने में सारी उम्र भी कम पड़ जाती है

4.ख़लाक़ ने छीन ली है मुझसे मेरी तन्हाई तक इश्क आ पंहुचा है इल्जाम से रुस्वाई तक

5.गुलशन की बहारो पे सर -ऐ -शाम लिखा है फिर उसने किताबों पे मेरा नाम लिखा है ये दर्द इसी तरह मेरी दुनिया में रहेगा कुछ सोच के उसने मेरा अंजाम लिखा है

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………….1.दर्द से हम अब खेलना सीख गए बेवफा के साथ जीना सीख गए क्या बताएं किस कदर दिल टूटा है मौत से पहले कफ़न हम ओढ़ना सीख गए

2.हमारे लिए उनके दिल में चाहत ना थी किसी ख़ुशी में कोई दावत नहीं थी मैंने दिल उनके कदमो में रख दिया मगर उन्हें ज़मीन देखने की आदत नहीं थी

3.आंसूओ को पलकों तक लाया मत करो दिल की बात किसी बताया मत  करो लोग मुट्ठी में नमक लिया फिरते है ज़ख्म ये अपने किसी को दिखाया मत करो

4.दिल वो नगर नहीं की फिर आबाद हो सके पछताओगे सुना हो ये बस्ती उजाड़ कर

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1.उनकी मोहब्बत के अभी निशान बाकी है नाम लब पर है और जान बाकी है क्या हुआ अगर देख कर मुहं फेर लेते है ये तसल्ली तो है की उन्हें हमारी पहचान बाकी है

2.और क्या चाहती है गर्दिश -ऐ अय्याम की हम अपना घर भूल गए उनकी गली भूल गए

3.कोई अच्छी सी सजा दो मुझको चलो ऐसा करो रुला दो मुझको तुम्हें भूलू तो मौत आ जाये दिल की गहराई से ये दुआ दो मुझको

4.मुहं की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन आवाज़ों के बाज़ारो में ख़ामोशी पहचाने कौन सदियों सदियों वही तमाशा रास्ता रास्ता लम्बी खोज लेकिन जब हम मिल जाते है खो जाता है जाने कौन

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1महफ़िल में हंसना मेरा मिज़ाज़ बन गया तन्हाई में रोना एक राज बन गया दिल के दर्द को चेहरे से ज़ाहिर न होने दिया यही मेरे जीने का अंदाज बन गया

2.महक होती तो तितलियाँ जरूर आती कोई रोता तो सिसकियाँ जरूर आती कहने को तो लोग मुझे बहुत याद करते है मगर याद करते तो हिचकियाँ जरूर आती

3.प्यार ने ये कैसा तोहफा दे दिया मुझको गमों ने पत्थर बना दिया तेरी यादों में ही कट गयी उम्र सारी और मैं लोगो से कहता रहा की तुझे कब का भुला दिया

4.जाने लगे जब वो छोड़ के दामन मेरा टूटे हुए दिल ने हिमाकत कर दी सोचा था की छुपा लेंगे गम अपना मगर कम्बखत आँखों ने बगावत कर दी

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1.रंग दिखाती है ये जिंदगी कितने गैर भी हो जाते है एक पल में अपने ना जाना कभी तुम सपनो की दुनिया में क्यों की टूट जाता है दिल जब टूटते है सपने

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1.कहाँ तक आँख रोयेगी कहाँ तक किसका गम होगा मेरे जैसा यहाँ कोई ना कोई कम होगा तुझे पाने की कोशिश में कुछ इतना रो चूका हु मैं की तू मिल भी अगर जाये तो अब मिलने का गम होगा

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1.कभी रो के मुस्कुराये कभी मुस्कुरा के रोये उसकी याद जब भी आई उसे भुला के रोये एक उसका ही नाम था जिसे हजार बार लिखा जितना लिख के खुश हुए उससे ज्यादा उसे मिटा के रोये

2.आज भी बहता है उसका दिया हुआ जख्म मैं चाह कर भी उसे सी ना पाया बस कहने के लिए ही ज़िंदा हूँ मैं तो यारों पर मर्जी के साथ कभी जी ना पाया

3.तू खुश रहे तो मैं मुस्कुराऊंगा कहीं भी हो तू तुझे ना भुला पाउँगा मेरे गम का तू दर्द ना लेना की इस दर्द में भी मैं सुकून पाउँगा

4.ज़ुबान खामोश आँखों में नमी होगी यही बस मेरी एक दास्ताँ -ऐ-जिंदगी होगी भरने को हर जख्म भर जायेगा कैसे भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी

5.कभी हम टूटे तो कभी ख्वाब टूटे ना जाने कितने टुकड़ो में अरमान टूटे हर टुकड़ा आइना है जिंदगी का हर आईने के साथ लाखो जज्बात टूटे

6.तक़दीर बता तूने मुझको किस मोड़ पे लाके छोड़ दिया एक मोड़ तलक तो साथ दिया एक मोड़ पे लाके छोड़ दिया खुद प्यार किया खुद ठुकराया फिर प्यार भरा दिल तोड़ दिया उस मोड़ तलक तो साथ दिया इस मोड़ पे लाके छोड़ दिया

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1.भूले है रफ्ता रफ्ता उन्हें मुद्दतों में हम किश्तों में खुद-ख़ुशी का मज़ा हमसे पूछिये

2.सूरत हमारी देख ली लेकिन दिल हमारा देख ना सके ख़ुशी हमारी देख ली लेकिन दुःख हमारे देख ना सके प्यार हमसे कर लिया और फ़िक्र हमारी कर ना सके हंसी हमारी देख ली मगर आंसू हमारे देख ना सके

3.जुस्तुजू जिस की थी उसको तो ना पाया हमने इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हमने

4.गम से मरता हूँ की इतना नहीं दुनिया में कोई की करे ताज़ियत -ऐ-मेहरो -ओ-वफ़ा मेरे बाद आये है बेकसी -ऐ-इश्क पे रोना ग़ालिब किसके घर जायेगा सैलाब -ऐ-बला मेरे बाद

5.मंजर एक बुलंदी पर और हम बना सके अर्श से इधर होता काश की मकान अपना दे वो जिस कदर ज़िल्लत हम हंसी में टालेंगे बारे आश्ना निकला उनका पासबां अपना

6.जो हो एक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता हमेशा एक ही से प्यार हो ऐसा नहीं होता हर एक कश्ती का अपना तजुर्बा होता है दरिया में सफर में रोज़ ही मंझधार हो ऐसा नहीं होता

7.ज़िक्र उस परवरिश का और बयां अपना बन गया रक़ीब आखिर था जो राज़दान अपना मैं वो क्यों बहुत पीते बज़्म-ऐ-गैर मैं या रब आज ही हुआ मंजूर उनको इम्तिहान अपना

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1.तक़दीर ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गए हम किसी ने विश्वास तोडा तो कभी किसी ने दिल और लोगो को लगता है की बदल गए हम

2.पलकों में आंसू और दिल में दर्द सोया है हंसने वालों को क्या पता रोने वाला किस कदर रोया है ये तो वो ही जान सकता है मेरी इस तन्हाई का आलम जिसने जिंदगी में किसी को पाने से पहले खोया है

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1.हाथ खाली है तेरे शहर से जाते जाते जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते

2.दिल से ना पूछो की अंदर दर्द कितना है धड़कन से ना पूछो की बाकी खेल कितना है पूछना ही है तो जलती लाश से पूछो जिंदगी में गम और कफ़न में चैन कितना है

3.ये क्या जाने में जाना है जाते हो खफा होकर मैं तब जानू मेरे दिल से चले जाओ जुदा होकर क़यामत तक उड़ेगी दिल से उठकर ख़ाक आँखों तक इसी रास्ते गया है हसरतों का काफिला होकर

4.कहूँ किस से मैं की क्या है शब-ऐ-गम बुरी बला है मुझे क्या  बुरा था मरना अगर एक बार होता हुए मर के जो हम रुस्वा हुए क्यों ना ग़र्क़ -ऐ -दरिया ना कभी जनाजा उठता ना कहीं मजार होता

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1.कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ऐ-नीम काश को ये खालिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता

2.जिंदगी की राह में रास्ते बदल जाते है वक़्त की आंधी में इंसान बदल जाते है सोचते है तुम्हे इतना याद ना करे लेकिन आँख बंद करते ही इरादे बदल जाते है

3.हर जख्म किसी ठोकर की मेहरबानी है मेरी जिंदगी बस एक कहानी है मिटा देते सनम के दर्द को सीने से पर ये दर्द ही उसकी आखिरी निशानी है

4.नादान हो जो कहते हो की क्यों जीते हो ग़ालिब किस्मत में है मरने की तमन्ना कोई दिन और

5.पास आकर सभी दूर चले जाते है अकेले थे हम अकेले ही रह जाते है अब अपने दिल का दर्द किसे दिखाए क्यों की मरहम लगाने वाले ही अब जख्म दे जाते है .

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1.तेरे नाम की थी जो रौशनी उसे खुद ही तुमने बुझा दिया ना जला सकी जिसे धुप भी उसे चांदनी ने जला दिया हूँ गर्दिशों में घिरा हुआ मुझे अब अपनी खबर नहीं वो जो शख्स था मेरा रहनुमा उसे रास्तों में ही  गँवा गिया

2.किस को क़ातिल मैं कहूँ किस को मसीहा समझूँ सब यहाँ दोस्त ही बैठे है किसे क्या समझूँ वो भी क्या दिन थे की हर वहम यकीन होता था अब हकीकत नजर आये तो उसे क्या समझूँ

3.जो नहीं आता उसका इंतजार क्यों होता है किसी के लिए अपना ये हाल क्यों होता है वैसे तो इस दुनिया में काफी चीजे प्यारी है जो नहीं मिलता उसी से प्यार क्यों होता है

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1.जाने किस मोड़ पे ले आई है जिंदगी बंद है दरीचे तमाम ना कोई किनारा दिखाई दे नहीं मालूम उल्फत की है कौन सी मंजिल की तेरे सिवा अब ना हमें गुजारा दिखाई दे

2.ऐ खुदा किसी को ऐसी जिंदगी ना दे जिंदगी दे तो यूँ बेबसी ना दे दिल में रहे सदा चाहते यार के मिलन की पर ना हो सके मुलाकात उनसे ऐसी कोई मजबूरी ना दे

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1.मेरे मरने के बाद किसी को कोई खास फ़र्क़ तो नहीं होगा बस एक तन्हाई रोयेगी की मेरा हमसफ़र चला गया

2.दिल ही तो है ना संग -ओ-ख़िश्त दर्द से भर ना आये क्यों रोयेंगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यों देर नहीं हराम नहीं डर नहीं आस्तां नहीं बैठे है रहगुजर पे हम गैर हमें उठाये क्यों

3.दिल टूटेगा तो फरियाद करोगे तुम भी हम ना रहे तो हमें याद करोगे तुम भी आज कहते हो हमारे पास वक़्त नहीं पर एक दिन मेरे लिए वक़्त बर्बाद करोगे तुम भी

4.ऐ सुबह मैं अब कहाँ रहा हूँ ख्वाबो ही में सर्फ़ हो चूका हूँ सब मेरे बगैर मुतमइन है मैं सब के बगैर जी रहा है

5.दिल्लगी में दिल को हम कैसा रोग लगा बैठे जिंदगी को छोड़ क्यों मौत को गले लगा बैठे हमने समझा था दिल लगाकर दिल को चैन मिलेगा ऐसी लगी चोट की दिल को बेदर्द से दर्द लगा बैठे

6.हम ने माना की तग़ाफ़ुल ना करोगे लेकिन ख़ाक हो जायेंगे हम तुमको खबर होने तक परतवे -ऐ-खुर से है शबनम को फना की तालीम मैं भी हूँ एक इनायत की नजर होने तक

7.ऐसा नहीं की उनसे मोहब्बत नहीं रही जज्बात में वो पहली सी सिद्दत नहीं रही सर में वो इंतजार का सौदा नहीं रहा दिल पर वो धड़कनो की हुकूमत नहीं रही

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1.रोने से कभी किसी को कुछ हासिल नहीं होता जो बिछड़ जाये वो साथी नहीं होता दुसरो की तो हम महफ़िल सजाते रहते है पर हमारी तन्हाई में कभी कोई शामिल नहीं होता

2.आँखों में बसके दिल में समां कर चले गए ख्वाबिदा जिंदगी थी जगा कर चले गए चेहरे तक आस्तीन वो लेकर चले गए क्या राज था की जिसको छिपकर चले गए

3.मुझे  रुला कर दिल उसका भी रोया होगा चेहरे आंसूओ से उसने भी तो धोया होगा अगर ना किया हासिल कुछ हमने प्यार में कुछ ना कुछ तो उसने भी खोया होगा

4.हमारी तन्हाई मिटाने के लिए कौन आएगा इन रोती हुई आँखों को चुप कराने  कौन आएगा किसी को अब  जरुरत ही नहीं है हमारी दोस्तों सोचते है अगर मर गए तो तो दफनाने कौन आएगा

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1.तुझ से अब और मोहब्बत नहीं की जा सकती खुद को इतनी भी अज़ीयत नहीं दी जा सकती जानते है की यकीन टूट रहा है दिल पर फिर भी अब तर्क ये वहशत नहीं की जा सकती

2.गम-ऐ-इश्क रह गया है गम-ऐ-ज़ुस्तुजूम में ढलकर वो नजर से छिप गए है मेरी जिंदगी बदल कर

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1.इसी ख्याल से गुजरी है शाम -ऐ-दर्द अक्सर की दर्द हद से जो गुजरेगा मुस्कुरा दूंगा

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1.तुम्हे मालूम भी है मैं तन्हा जी नहीं सकता मेरी आदत बदलने तक तो मेरे साथ रुक जाओ

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1.उदास मुस्कुराहटों के पीछे गम के रैले है अब तुम्हे क्या बताये की तुम बिन कितने अकेले है

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1.अगर मोहब्बत की हद नहीं कोई दर्द का हिसाब क्यों रखूँ

2.तुमको जब बोझ लगे मोहब्बत तो बता देना मैं चुप चाप मोहब्बत से मुकर जाऊंगा

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1.अब कहाँ जरुरत है हाथों में पत्थर उठाने की वासी तोड़ने वाले तो दिल जुबान से ही तोड़ दिया करते है

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1.उसे पाना उसे खोना उसी के हिज्र में रोना यही गर इश्क़ है मोहसिन तो हम तन्हा ही अच्छे है

2.भरी दुनिया में जी नहीं लगता जाने किस चीज की कमी है अभी

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1.ये हम ही जानते है जुदाई के मोड़ पर इस दिल का जो भी हाल तुझे देख कर हुआ

2.अरमान कोई सीने में आग लगा देता है ख्वाब कोई आकर रातों की नींद उड़ा देता है पूछता हूँ जिससे भी मंजिल का पता अब तो वो रास्ता तेरे घर का ही बता देता है

3.ये तेरी जुदाई का यादगार है वरना एक जख्म भरने में देर कितनी लगती है

4.किस कदर नादिम हुआ हूँ मैं बुरा कह कर उसे क्या खबर थी जाते जाते वो दुआ दे जायेगा

5.मोहब्बत मुक़द्दर है एक ख्वाब नहीं ये वो आदत है जिसमे सब कामयाब नहीं जिन्हे पनाह मिली उन्हें उँगलियों पर गिन लो मगर जो फ़ना हुए उनका कोई हिसाब नहीं

6.सारा ही शहर उसके जनाजे में था शरीक तन्हाईयों खौफ से जो शख्स मर गया

7.वो भी बहुत अकेला था शायद मेरी तरह उसको भी कोई चाहने वाला नहीं मिला

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1.कभी नींदे कभी आँखों में पानी भेज देता है वो खुद आता नहीं अपनी निशानी भेज देता है

2.तुम राह में चुप चाप खड़े हो तो गए हो किस किस को बताओगे घर क्यों नहीं जाते

3.पाने की आरजू में जिए तो थे बहुत आंसू ही ना निकले रोया तो थे बहुत पल भर के लिए उन्हें आज़माया तो था बहुत अपना ही ना बना सके जिसे चाहा था तो बहुत

4.रोज वो दास बंधा जाता है टूटे दिल की यूँ वो हालात को बेहतर नहीं होने देता

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1.मेरी चाहत को मेरे हालात के तराजू में कभी मत तोलना मैंने वो जख्म भी खाए है जो मेरी किस्मत में नहीं थे

2.देती है सुकून रूह को काँटों की चुभन भी खुशबु से कभी होती है सीने में जलन भी

3.अब तेरे जिक्र पे हम बात बदल देते है कितनी रग़बत थी तेरे नाम से पहले पहले

4.दिल के रिश्तो की नजाकत वो क्या जाने नरम लफ्जो से भी लग जाती है चोटें अक्सर

5.आसान तो नहीं अपनी हस्ती से गुजर जाना उतरा जो समंदर में दर्या तो बहुत रोया जो शख्स ना रोया था तपती राहो में दीवार के साये में बैठा तो बहुत रोया

6.हँसी हँसी में कितनो को हँसा दिया हँसी हँसी में कितने गमो को छुपा लिया हंस कर गया कोई इस कदर की उम्र भर के लिए हंसना भुला दिया

7.हमने मोहब्बतों के नशे में आकर उसे खुदा बना डाला होश तब आया जब उसने कहा की खुदा किसी एक का नहीं होता

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1.पल पल की चाहत ने मुझे पल पल तड़पाया हर पल की तरह इस पल भी खुद को तन्हा पाया भुला भी देते उस पल को अगर उस पल उसका ख्याल ना आया होता कम्बखत हर पल की तरह आज ये पल भी मेरा ना हो पाया

2.कोई कुछ भी ना कहे तो पता क्या है इस बेचैन ख़ामोशी की वजह क्या है उन्हें जाकर कोई कहे हम ले लेंगे जहर भी वो सिर्फ ये तो बता दे मेरी खता क्या है

3.दाग दामन के हो दिल के हो की चेहरे के फ़राज़ कुछ निशान वक़्त की रफ़्तार से लग जाते है

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1.जहाँ बैठे मुकाम-ऐ-दिल समझकर उठाया दर्द ने ग़ाफ़िल समझकर

2.जगमगाते शहर की रानियों में क्या ना था ढूंढने निकला जिसको बस वही चेहरा ना था हम वही तुम भी वही मौसम वही मंजर वही फांसले बढ़ जायेगे इतने कभी सोचा ना था

3.ना जिंदगी मिली ना वफ़ा मिली ना जाने हर ख़ुशी हमसे खफा मिली झूठी मुस्कान लिए अपने गम छुपाते है सच्ची मोहब्बत करने की भी क्या खूब सजा मिली

4.तन्हा हूँ इस दर्द मोहब्बत में मेरी तरह बेहाल तुम भी हो हम है किसी उजड़े हुए शहर की मिसाल आँखे बता रही है की वीरान तुम भी हो

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1.ये तो जमीन की फितरत है हर चीज सोख लेती है वरना हमारे आंसूओ का भी एक अलग ही समंदर होता

2.मुझे दर्द-ऐ-इश्क का मजा मालूम है दर्द-दे-दिल का इन्तेहा मालूम है जिंदगी में कभी मुस्कुराने की दुआ ना देना मुझे पल भर मुस्कुराने की सजा मालूम है

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1.इस अजब दौर में आशिक़ भी अजीब होते है एक दिन दोस्त दूसरे दिन रक़ीब होते है इसलिए तो मैंने मोहब्बत नहीं की है मोहब्बत में तो सिर्फ दुःख नसीब होते है

2.आपको भूले वो नजर कहाँ से लाये किसी और को चाहे वो जिगर कहाँ से लाये रह नहीं सकते आपके बिना उफ़ भी ना निकले वो जहर कहाँ से लाये

3.दिल के जज्बों को संभाल के रखो सदा ये मोती वफ़ा के इन्हे रोला नहीं करते चाहत के दरीचे बहुत अनमोल होते है हर किसी के लिए इन दरीचों को खोला नहीं करते

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1.लिपटी है मेरे दिल से किसी राज की सूरत वो शख्स की जिसको मेरा होना भी नहीं है ये इश्क़ मोहब्बत की रिवायत भी अजब है पाना भी नहीं है उसे खोना भी नहीं है

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1.सख्त रहो में अब आसान सफर लगता है अब अनजान ये सारा ही शहर लगता है कोई नहीं मेरा जिंदगी की राहों में मेरा ये गम ही मेरा हमसफ़र लगता है

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1.आंसूओ की चलने की आवाज नहीं होती दिल के टूटने की आहट नहीं होती अगर होता खुदा को हर दर्द का एहसास तो उसे दर्द देने की आदत नहीं होती

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